आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्यार और रिश्ते तलाशना भी किसी चैलेंज से कम नहीं है. वर्क लाइफ, सोशल मीडिया की दुनिया, और समय की कमी के बीच अब लोग पारंपरिक तरीकों की जगह कुछ नए और स्मार्ट ऑप्शन आजमाने लगे हैं. अपने लिए एक आइडियल पार्टनर ढूंढने के लिए अब तक लोग डेटिंग एप्स का सहारा लेते थे. लेकिन अब एक नया ट्रेंड सामने आया है जिसके कहते हैं स्पीड डेटिंग. ये काफी पॉपुलर भी हो रहा है.
हाल के कुछ सालों में भारत में भी स्पीड डेटिंग का चलन तेजी से बढ़ा है, खासकर बड़े शहरों में रहने वाले युवाओं के बीच. यहां लोग कुछ ही मिनटों में एक-दूसरे से मिलते हैं, बातचीत करते हैं और फिर तय करते हैं कि अगला कदम क्या होगा. ये तरीका काफी दिलचस्प है. हालांकि, कुछ लोगों ने इस शब्द को ही पहली बार सुना होगा. अगर आप भी इन्हीं में से एक हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है. इसमें हम आपको बताएंगे कि स्पीड डेटिंग क्या होती है और सिंगल लोगों के लिए ये कितनी फायदेमंद है नुकसानदायक है.
स्पीड डेटिंग क्या है?
स्पीड डेटिंग एक सोशल इवेंट होता है जिसमें एक ही जगह पर कई सिंगल लड़के और लड़कियां मिलते हैं. हर व्यक्ति को किसी दूसरे व्यक्ति से कुछ मिनटों (आमतौर पर 5 से 7 मिनट) तक बात करने का मौका दिया जाता है. जैसे ही टाइम खत्म होता है, लोग अगले पार्टनर के पास शिफ्ट करते हैं. इस तरह हर कोई कुछ ही समय में कई लोगों से मिलने का मौका मिलता है. इस इवेंट को ऑर्गनाइजर्स होस्ट करते हैं. लास्ट में एक सभी को एक कार्ड दिया जाता है, जिसमें उन्हें उन लोगों का नाम लिखना होता है जिनसे वो दोबारा मिलना चाहते हैं. अगर 2 लोग एक दूसरे का नाम लिखते हैं तो ऑर्गनाइजर उनका कॉन्टैक्ट शेयर कर देता है.
स्पीड डेटिंग उन लोगों के लिए बेहतरीन ऑप्शन है जो जल्दी और सीधे तरीके से किसी खास व्यक्ति से जुड़ना चाहते हैं. इसमें कम समय में कई लोगों से मिलने का मौका मिलता है, जिससे आपकी पसंद और प्रायोरिटी साफ हो जाती हैं. ये तरीका उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें ऑनलाइन चैटिंग से भरोसा नहीं होता और वे फेस-टू-फेस बातचीत को प्रायोरिटी देते हैं. इसके अलावा, इसमें ज्यादा फॉर्मेलिटी नहीं होती, जिससे माहौल हल्का-फुल्का बना रहता है और सोशल स्किल्स भी बेहतर होती हैं.
स्पीड डेटिंग के क्या हैं नुकसान?
हालांकि फायदे के साथ ही इसके कुछ नुकसान भी हैं. जैसे सबसे बड़ी बात ये कि 5 से 7 मिनट में किसी को सही से जानना मुश्किल होता है. कभी-कभी लोग सिर्फ बाहरी लुक या फर्स्ट इंप्रेशन के बेस्ड पर डिसिजन ले लेते हैं, जिससे गहराई वाले रिश्ते बनने की संभावना कम हो जाती है. कुछ लोग इसमें सिर्फ मजे के लिए आते हैं, किसी सीरियस रिश्ते की तलाश में नहीं. इसके अलावा, कुछ लोगों को भीड़-भाड़ या अजनबियों से जल्दी बातचीत करना असहज भी लग सकता है.